पिक बीमा: जैसा कि वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में घोषणा की गई थी, किसानों को केवल रुपये का भुगतान करके फसल बीमा योजना का लाभ प्रदान करने के लिए वर्ष 2023-24 से “व्यापक पिक बीमा योजना” लागू करने की मंजूरी दी गई है।
1. उक्त योजना को अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसलों के लिए क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाते हुए केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार खरीफ एवं रबी मौसम के लिए क्रियान्वित करने की मंजूरी दी गई है।
खरीफ और रबी सीज़न के लिए सभी समावेशी फसल बीमा योजनाएं निम्नलिखित जोखिमों को कवर करेंगी:-⬇️
- प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण फसलों की बुआई या रोपण न हो पाने से होने वाली क्षति (बुआई/रोपण/अंकुरण को रोकना),
- फसल के मौसम के दौरान प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण फसल की क्षति (मध्य मौसम की प्रतिकूलता),
- बुआई से कटाई तक की अवधि के दौरान प्राकृतिक आग, बिजली, ओलावृष्टि, तूफान, चक्रवात, बाढ़, बाढ़, भूस्खलन, सूखा, बारिश की कमी, कीट और बीमारी के कारण उपज की हानि।
- स्थानीय प्राकृतिक आपदाओं (स्थानीयकृत आपदाओं) के कारण फसलों को नुकसान,
- प्राकृतिक कारणों से फसल कटाई के बाद का नुकसान
संदर्भ संक्या। 1 के अनुसार, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों द्वारा भुगतान किए जाने वाले बीमा प्रीमियम को खरीफ सीजन के लिए 2 प्रतिशत, रबी सीजन के लिए 1.5 प्रतिशत और खरीफ और रबी सीजन में नकदी फसलों के लिए 5 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है।
व्यापक फसल बीमा योजना के अंतर्गत कृषकों पर उक्त कृषक अंश का भार डाले बिना कृषक अंश की बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य सरकार के माध्यम से किया जाएगा।
अत: वर्ष 2023-24 से किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत निर्धारित कृषक अंश की प्रति हेक्टेयर फसलवार बीमा प्रीमियम राशि मात्र 1/- रूपये का भुगतान कर फसल बीमा पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकते हैं तथा बीमा करा सकते हैं।
किसानों द्वारा वास्तव में भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि रु. 1/- घटाकर शेष अंतर का भुगतान राज्य सरकार के माध्यम से राज्य अंश अनुदान के रूप में किया जाएगा।
किसान केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र सरकार के फसल बीमा पोर्टल, साझा सुविधा केंद्र, बैंक आदि के माध्यम से योजना में भाग ले सकते हैं।
व्यापक फसल बीमा योजना राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति द्वारा लाभ एवं हानि मॉडल अथवा कप एवं कैप मॉडल (80:110) के तहत तीन वर्ष की अवधि के लिए खरीफ एवं रबी सीजन 2023-24 से 2025-26 तक के लिए क्रियान्वित की जा रही है। माननीय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित।
दिनांक 04.05.2023 की बैठक के निर्णयानुसार पैरा 3 में उल्लिखित विषयों सहित निविदा प्रक्रिया क्रियान्वित की जायेगी एवं प्राप्त बीमा प्रीमियम दरों की तुलनात्मक जानकारी के आधार पर लाभ एवं हानि शेयरिंग मॉडल एवं कप एवं कैप मॉडल तैयार किया जायेगा।
राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति के अनुमोदन से अपनाया गया। 80:110) उचित विकल्पों (मॉडल) के साथ योजना को लागू करने की मंजूरी के संबंध में सरकार का निर्णय अलग से जारी किया जाएगा। .
सर्वसमावेशी फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा निर्धारण के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार चावल, गेहूं, सोयाबीन और कपास की फसलों को प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादन का कम से कम 30 प्रतिशत भार देकर उत्पादन निर्धारित किया जाएगा।
फसल कटाई प्रयोग के तहत प्राप्त आय का मिलान करना। शेष अधिसूचित फसलों का मुआवजा नियमित फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। इस संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश एवं राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति द्वारा दिये गये निर्देश लागू रहेंगे।
केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार योजना के तहत कार्यान्वयन तंत्र के चयन के बाद, पिछले सीज़न की राज्यांश बीमा प्रीमियम राशि का 50% प्रारंभ के समय केंद्र और राज्य सरकार के एस्क्रो खाते में जमा किया जाएगा।
काम का। इस प्रयोजन के लिए खोले जाने वाले एस्क्रो खाते की मंजूरी के संबंध में सरकार का निर्णय पिक विमा द्वारा अलग से जारी किया जाएगा।
उक्त योजना के तहत किए गए व्यय को अनिवार्य व्यय के तहत प्रधान मंत्री पिक बीमा योजना के निम्नलिखित प्रमुख के तहत विभाजित किया जाएगा।
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