Loan EMI : कभी-कभी लोग बैंक से लोन लेते हैं और फिर उन्हें हर महीने किस्त यानी EMI चुकानी पड़ती है। लेकिन अगर किसी के पास नौकरी नहीं रहती या फिर कोई बड़ी परेशानी आ जाती है तो EMI चुकाना मुश्किल हो सकता है। ऐसी स्थिति में अगर आप EMI नहीं भर पाते हैं तो बैंक अपने एजेंट्स को पैसा मांगने के लिए भेज सकता है। ये एजेंट कभी-कभी आपको परेशान भी कर सकते हैं। लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपके पास अधिकार हैं।
आरबीआई यानी भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह तय किया है कि बैंक और उनके एजेंट्स आपको सम्मान के साथ पेश आएं और आपको परेशान न करें। अगर आपको EMI चुकाने में परेशानी हो रही है तो आप बैंक से बात कर सकते हैं और अपनी समस्या बता सकते हैं। बैंक आपकी मदद के लिए लोन की तारीख बढ़ा सकता है या EMI का नया शेड्यूल बना सकता है। यह आपका अधिकार है कि बैंक आपकी परिस्थिति को समझे और आपको परेशान न करे। इसलिए कभी भी घबराएं नहीं बल्कि सही जानकारी लें और अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें।
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Loan EMI
लोन ईएमआई यानी हर महीने बैंक को दी जाने वाली किश्त की रकम। जब हम बैंक से पैसे उधार लेते हैं तो उसे लोन कहते हैं। बैंक हमें ये पैसे इस शर्त पर देता है कि हम हर महीने एक तय रकम उन्हें वापस करेंगे। इस तय रकम को ईएमआई कहते हैं। मान लो आपके पिताजी ने 1 लाख रुपए का लोन लिया और बैंक ने कहा कि आपको हर महीने 2000 रुपए देने होंगे तो ये 2000 रुपए आपकी ईएमआई हुई। ये रकम आपको हर महीने एक निश्चित तारीख को बैंक को देनी होती है।
ईएमआई में दो चीजें शामिल होती हैं एक है मूल रकम यानी जो पैसे हमने उधार लिए और दूसरा है ब्याज यानी बैंक का मुनाफा। जैसे अगर आप किसी दोस्त से 100 रुपए उधार लेते हैं और उसे 110 रुपए वापस करते हैं तो 10 रुपए ब्याज हुआ। बैंक भी ऐसे ही काम करता है। वो आपसे हर महीने थोड़े थोड़े पैसे लेता है जिससे आपको एक साथ ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ते। इससे पैसे चुकाना आसान हो जाता है। बस ध्यान रखना है कि हर महीने की तारीख पर ईएमआई जरूर जमा करनी है नहीं तो बैंक जुर्माना लगा सकता है।
Loan EMI न चुका पाने पर क्या करें
अगर आपके परिवार ने बैंक से लोन लिया है और उसे चुकाने में दिक्कत हो रही है तो घबराने की जरूरत नहीं है ऐसा बहुत लोगों के साथ होता है अगर आपको लग रहा है कि इस महीने आप लोन की किस्त नहीं भर पाएंगे तो तुरंत बैंक जाएं और अपनी परेशानी बैंक के कर्मचारियों को बताएं वो आपकी मदद करेंगे और आसान तरीके बताएंगे जिससे आप अपना लोन पूरा चुका सकें
बैंक के कर्मचारी आपकी कई तरीकों से मदद कर सकते हैं जैसे लोन चुकाने का समय बढ़ा देना या हर महीने की किस्त कम कर देना जिससे आपकी मासिक किस्त छोटी हो जाएगी अगर आपको लग रहा है कि आप कुछ महीने तक बिल्कुल भी किस्त नहीं भर पाएंगे तब भी बैंक से बात करें वो आपको कुछ महीने का आराम दे सकते हैं बस ध्यान रखें कि बैंक से झूठ मत बोलें या उनसे भागने की कोशिश मत करें अगर आप ईमानदारी से अपनी बात रखेंगे तो बैंक आपकी मदद जरूर करेगा
Loan EMI बैंक से संपर्क करे अपनी समस्या बताएं
अगर आप अपनी लोन की किस्तें नहीं चुका पा रहे हैं तो सबसे पहले उसी बैंक से संपर्क करें जहां से आपने लोन लिया है। अपने समस्या को बैंक को अच्छे से समझाएं और बताएं कि आप फिलहाल पैसे की कमी महसूस कर रहे हैं और अब महीने की किस्त चुकाना मुश्किल हो रहा है। अगर आपने किसी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन जैसे Bajaj Finserv, Tata Capital, CreditBee या Navi Finserv से लोन लिया है तो आप उनके कस्टमर सर्विस से भी बात कर सकते हैं। ये कंपनियाँ भी आपकी समस्या समझने की कोशिश करती हैं ताकि वे आपकी मदद कर सकें।
आप बैंक को ईमेल भी भेज सकते हैं ताकि आपकी समस्या लिखित रूप में हो और बैंक को समझने में आसानी हो। ईमेल भेजने का फायदा यह है कि आपको अपनी बातचीत का रिकॉर्ड भी मिल जाता है। जब आप बैंक से बात करें तो धैर्य रखें और जितनी जानकारी आपको उनसे मदद पाने के लिए चाहिए उतनी पूरी जानकारी दें।
Loan EMI की बची रकम का रीस्ट्रक्चर कराएं
अगर आपके माता-पिता ने बैंक से लोन लिया है और वे उसकी EMI (मासिक किस्त) भरने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं तो वे बैंक से लोन के शर्तों को बदलने की मांग कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि बैंक उनकी मासिक EMI को कम कर सकता है और लोन को चुकाने के लिए ज्यादा समय दे सकता है। इससे आपके माता-पिता को थोड़ी राहत मिलेगी और वे आसानी से लोन चुकता कर पाएंगे।
बैंक को भी इससे फायदा होता है क्योंकि उन्हें अपना पैसा वापस मिल जाता है। जब EMI समय पर चुकाई जाती है तो बैंक और लोन लेने वाले दोनों को फायदा होता है। यह एक तरीका है जिससे सब कुछ सही से चलता रहे और कोई परेशानी ना हो।
Loan EMI जुर्माना हटवाने के लिए बैंक से बात करें
अगर आप दो से तीन महीने तक अपनी EMI नहीं चुका पाते हैं तो बैंक आपको एक जुर्माना लगा सकता है। इस जुर्माने के कारण आपका लोन और भी बढ़ सकता है। लेकिन अगर आपकी आर्थिक स्थिति अब सुधर गई है और आप समय पर EMI चुकाने के लिए तैयार हैं तो आप बैंक से जुर्माना माफ करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। बैंक से यह समझाइए कि पहले आप EMI क्यों नहीं चुका पाए और अब आप सही तरीके से पूरी EMI चुकाने के लिए तैयार हैं।
ज्यादातर बैंक आपकी समस्या को समझते हैं और जुर्माना माफ कर सकते हैं अगर आप सही कारण दें और यह साबित करें कि अब आप समय पर भुगतान करेंगे। आपको बस अपने इरादे को साफ और शांति से बताना है। इससे आपको ज्यादा तनाव नहीं होगा और लोन चुकाने में आसानी होगी।
Loan EMI बैलेंस ट्रांसफर करवाएं
अगर आपके पास लोन है और आप EMI की पेमेंट करने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं तो आप अपना लोन एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसे हम बैलेंस ट्रांसफर कहते हैं। जब आप बैंक बदलते हैं तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है जिससे आपकी मासिक EMI घट जाएगी। इससे आपको लोन चुकाने में आसानी होगी और आप पैसे भी बचा पाएंगे।
लेकिन ध्यान रखें कि बैलेंस ट्रांसफर करते वक्त कभी-कभी EMI थोड़ा बढ़ भी सकती है। हालांकि नए बैंक में आपको बेहतर शर्तें और सुविधाएं मिल सकती हैं। इससे आपकी वित्तीय परेशानी कम होगी और आप आसानी से लोन को समय पर चुका सकेंगे। अगर आपको कुछ समझ में न आए तो किसी बड़े से मदद लें या बैंक से जानकारी लें।
Loan EMI का सेटलमेंट कराएं
अगर आपके पास बचे हुए पैसे कम हैं और आपने जितना कर्ज चुकाना था वो पूरा चुका दिया है तो आप बैंक से समझौता कर सकते हैं। इसका मतलब है कि बैंक सिर्फ वो रकम ही लेगा जो आप चुका सकते हैं और बाकी का कर्ज माफ कर देगा। इसके लिए आपको बैंक के साथ एक समझौता करना होगा ताकि आपका लोन खत्म हो सके।
लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है। CIBIL स्कोर वो नंबर है जो यह बताता है कि भविष्य में आप लोन ले सकते हैं या नहीं। अगर इसका असर पड़ा तो भविष्य में आपको लोन लेने में परेशानी हो सकती है। इसलिए इसे सोच-समझकर ही करना चाहिए।.
Loan EMI एजेंट के खिलाफ पुलिस में शिकायत करें
अगर आपने बैंक से लोन लिया है और समय पर किस्तें नहीं चुका पा रहे हैं तो बैंक के रिकवरी एजेंट्स आपसे संपर्क कर सकते हैं। लेकिन आपको यह जानना जरूरी है कि वे केवल सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही आपको कॉल कर सकते हैं या आपके घर आ सकते हैं। एक रिकवरी एजेंट का आपको डराना धमकाना या गुस्से में बात करना गलत है। अगर ऐसा हो तो आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
अगर आपको लगता है कि एजेंट्स आपका गलत तरीके से व्यवहार कर रहे हैं तो सबसे पहले बैंक को बताएं। इसके बाद पुलिस के पास जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाएं। ऐसा करने से आपको यह महसूस होगा कि आपकी समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है और आपकी बात सुनी जा रही है। डरिए नहीं और हमेशा अपने अधिकारों के बारे में जानिए। यह कानून इसलिए बनाया गया है ताकि सभी को सम्मान और सुरक्षा मिले।
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Conclusion
लोन का भुगतान न करना एक आम समस्या है लेकिन इसे हल करने के कई तरीके और अधिकार हैं। सबसे पहली बात यह है कि आपको बैंक से इस बारे में बात करनी चाहिए और अपनी समस्या का हल ढूंढना चाहिए। आप कर्ज को फिर से व्यवस्थित करने या बैलेंस ट्रांसफर जैसे उपायों से अपनी समस्या को कम कर सकते हैं। अगर रिकवरी एजेंट आपके साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं तो आपको उन्हें पुलिस के पास रिपोर्ट करना चाहिए। अपने अधिकारों को समझना आपको इस मुश्किल स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता दिखा सकता है।
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FAQ
लोन की EMI न भरने से सिबिल स्कोर पर क्या असर पड़ता है?
- लोन की EMI न भरने पर सिबिल स्कोर गिर सकता है, जिससे भविष्य में लोन प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए EMI समय पर भरना जरूरी है।
सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
- सिबिल स्कोर सुधारने के लिए समय पर EMI भुगतान, पुराने लोन का निपटारा, और कर्ज की सीमा का सही प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है।
क्या Loan EMI न भरने पर लोन की मंजूरी पर असर पड़ता है?
- हाँ, यदि आप नियमित रूप से EMI नहीं भरते हैं तो बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को यह जोखिम प्रतीत हो सकता है, जिससे आपकी लोन मंजूरी प्रभावित हो सकती है।
सिबिल स्कोर को बेमिसाल बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
- सिबिल स्कोर को अच्छा बनाए रखने के लिए हमेशा EMI समय पर भरें, कर्ज की राशि कम रखें, और क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करें।
क्या लोन पर कड़ी EMI भी सिबिल स्कोर को प्रभावित करती है?
- हाँ, अगर आप कड़ी EMI का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो यह आपकी सिबिल रिपोर्ट पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।